चरखा चलाकर महिलाएं बन रही स्वाबलंबी,स्वरोजगार से समस्तीपुर में हो रहा है विकास…जरूर देखें
समस्तीपुर से पप्पु कुमार की रिपोर्ट
समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित खादी ग्राम उद्योग भंडार परिसर में आज भी चप्पा चप्पा चरखा चलाने की गुनगुनाहट पर चरखा काटते हुए दर्जनों महिलाएं आप को दिख जाएगी,समस्तीपुर के पुसारोड स्थित खुदीराम बोस स्टेशन से महज थोड़ी ही दूरी पर खादी ग्राम उद्योग भंडार है।जहां महिलाएं अब स्वाबलंबी की ओर बढ़ रही हैं।जहाँ एक ओर बिहार को बीमारू राज्य और बंद हो चुके रोजगार धंधे की छवि को लेकर लोग जानते थे वहीं आज राज्य सरकार और केंद्र सरकार के पहल से बहुत सारे उद्योग धंधे को पुनर्जीवित कर लोगों को स्वरोजगार से जोड़कर स्वावलंबी बनाने के लिए प्रयासरत है। वहीं खादी ग्राम उद्योग पूसा परिसर मे महिलाएं बढ़-चढ़कर सूत काटने से लेकर खादी के कपड़े बनाने तक मे अपने आप को आगे ला रही है, खादी ग्राम में कार्यरत फूलों देवी ने बताया कि मैं जब अपने मायके से वर्षों पहले ससुराल आई थी उस समय से लेकर आज तक लगातार सारी उम्र यही चरखा कात रही हूं और अपने परिवार का आर्थिक सहायता कर रही हूं।उम्र ढलने के साथ-साथ मैंने बहुत सारी महिलाओं को चरखा काटने की ट्रेनिंग भी दी है और सैकड़ों महिलाओं को रोजगार के साधन से जोड़ रही हूं,वही अन्य सूत काटने वाली महिलाओं ने बताया कि अगर सरकार के द्वारा समय समय पर प्रयास किया जाए और सरकारी सहायता दिया जाए समय पर कच्चा माल उपलव्ध कराया जाए तो हम लोग सालों भर अपना गुजर-बसर कर सकते हैं लेकिन समय पर कच्चा माल उपलब्ध नही हो पाने के कारण कुछ दिन काम करने के बाद हम लोगों को काम बंद करना पड़ता है जिससे हम लोगों के समक्ष समस्या उत्पन्न हो जाती है || वही संस्थान के अध्यक्ष दिनेश झा ने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा 40 चरखा संस्था को दिया गया है एवं प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बने।सरकार की इस पहल से कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान हो चुके हैं और समस्तीपुर ने भी अब महिलाएं स्वरोजगार में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती नजर आ रही हैं।।⁷