भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सीएम का सात निश्चय,नल है पर जल नहीं..बड़ा खुलासा
मोतिहारी से धनंजय कुमार की रिपोर्ट
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में से एक सबसे महत्वकांछी योजना यानी नल जल योजना अब जन धन योजना का रूप ले रही है।भले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना के द्वारा ये स्वप्न देखा होगा कि बिहार के हर घर की जनता शुद्ध जल का सेवन करेगी लेकिन उनकी ये सोच अब अधर में लटकी प्रतीत हो रही है।नीतीश कुमार की ये योजना अधिकारियों व जनप्रतिनिधियो के लिए धन धान्य योजना बन गयी है।आज हम आपको इस योजना की जमीनी हकीकत दिखलाएंगे और बताएंगे की कैसे नीतीश कुमार की जल नल योजना बिहार में औंधे मुंह गिर रही है।आज हम आपको दिखलाएंगे की कैसे इस योजना की लीपापोती हो रही है व नीतीश कुमार के सपनो को कैसे उन्ही के अधिकारी व जनप्रतिनिधि तोड़ रहे हैं।ये वही नल जल योजना है जिसे सीएम नीतीश ने सात स्वप्न के रूप में देखा था लेकिन आज ये योजना धराशाही हो चुका है।दरसअल अधिकारियों व जनप्रतिनिधियो के लिए कामधेनु साबित हुए इस योजना से भले ही ग्रामीण इलाकों के लोगो को नल में जल नही मिला हो लेकिन उनके अधिकारियों व जनप्रतिनिधियो को रेवड़ी खाने का मौका जरूर मिल गया है। तस्वीरें मोतिहारी के सुगौली प्रखंड के बंगरा वार्ड नंबर 6 की है जहां की लगभग 750 लोगो के आबादी को शुद्ध जल मुहैया कराने के उद्देश्य से 10 लाख 60 हज़ार रुपये की लागत से दस हज़ार क्षमता का ये जलमीनार यहां के जनप्रतिनिधियो व अधिकारियों ने लगवाया था लेकिन आज ये जलमीनार टंकी सहित धराशाही होकर जमीन पर औंधे मुंह गिरा हुआ है व अपनी बेवसी पर आँशु बहा रहा है । योजना में हुए भ्रस्टाचार की पोल खोलती ये तस्वीर सुगौली की है जहां इससे पहले भी कई जलमीनार धराशाही हो चुके हैं।ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर योजनाओं में आवंटित राशि जाती कहां है और स्थानीय जनप्रतिनिधि और आला अधिकारी करते क्या हैं।