प्रदूषण का केंद्र बना नालंदा का स्मार्ट सिटी,कौन है जिम्मेदार…यहां देखें
नालंदा से राकेश कुमार की रिपोर्ट
सरकार के द्वारा बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया है लेकिन अभी भी इस स्मार्ट सिटी के कई इलाकों के हालात बद से बदतर हैं जिसे देखकर आप भी इस स्मार्ट सिटी पर प्रश्न खड़ा कर देंगे। ताजा उदाहरण बिहार के स्मार्ट सिटी के वार्ड नंबर 9 की है। जहां सैकड़ों घरों के लोग आज भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। वैसे तो बरसात के समय लोगों के घरों में बरसात के कारण नाले का गंदा पानी भर जाता है लेकिन वार्ड नंबर 9 का मोगल कुआं बौलीपर का एक इलाका ऐसा भी है जहां साल के 12 महीने इसी तरह से नाले के साथ-साथ कूड़े कचरे का पानी का अंबार लोगों के घरों में बहता रहता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गली में रहने वाले सैकड़ों परिवार का कोई न कोई सदस्य इस गंदगी के कारण हमेशा बीमार भी रहता है,ना तो स्थानीय वार्ड कमिश्नर का गली पर ध्यान गया जाता है और ना ही स्थानीय विधायक का।इधर गली में निवास कर रहे स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय राजनीति के कारण लोगों के साथ सौतेलापन व्यवहार करते हुए नरकीय जीवन जीने को मजबूर कर दिया गया है। चाहे विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा या फिर स्थानीय नगर निगम का चुनाव हो इन सभी चुनाव में जनप्रतिनिधि वोट लेने के लिए चुनावी वादे तो कर देते हैं लेकिन चुनाव के बाद हालत जस की तस रह जाती है।सभी लोगों की हालात ऐसे हो गए हैं कि इनके घरों में शादी विवाह के रिश्ते भी आना बंद हो गया है। शादी विवाह को लेकर इन्हें कहीं दूसरे जगह पर जाना होता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि एक और कोरोना को लेकर साफ सफाई की बात कही जाती है लेकिन इस इलाके में तो कोरोना के वक्त भी इसका ध्यान नहीं रखा गया। सभी लोगों के द्वारा वार्ड कमिश्नर स्थानीय विधायक और नगर निगम में समस्या के बारे में अर्जी लगा कर थक चुके हैं लेकिन अभी तक समस्याओं के ऊपर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है। वार्ड पार्षद को जब इस समस्या के बारे में बताया गया तो वार्ड कमिश्नर ने निगम के चुनाव में वोट नहीं देने की बात कह कर पल्ला झाड़ दिया फलस्वरूप आला अधिकारियों की उदासीनता से लोगों का जीवन इन कूड़े कचरों की ढेर का शिकार बन चुका है।