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जमुई:झाझा के इस विद्यालय में प्राचार्य के साथ सैनिटाइजर भी गायब,ग्रामीणों के सवालों पर भड़क गए शिक्षक महोदय….बड़ी खबर

Nation news desk

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लॉकडाउन के बाद सरकारी विद्यालय और विद्यालय के प्राचार्य अपनी जेब भरने में जुट गए हैं कुछ ऐसा ही मामला झाझा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कानन पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में देखने को मिला है,जहां सरकार की सारी गाइडलाइंस का पर्दाफाश तब हुआ जब ग्रामीण विद्यालय पहुंचे और नजारा दंग कर देने वाला था,दरअसल विद्यालय प्रशासन के खिलाफ विद्यार्थियों ने मोर्चा खोल दिया और वास्तविकता से अवगत कराते हुए नेशन न्यूज़ की टीम को नजारा अपनी आंखों से दिखाया। बता दें कि कोरोना काल के बाद सरकार के दिशा निर्देश पर सरकारी व निजी विद्यालय के नवम एवं दशम वर्ग के बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू कर दी गई है । वही कोरोना प्रोटोकोल और सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए सभी विद्यालयों के प्राचार्य एवं विद्यालय प्रशासन को साफ तौर पर सरकारी निर्देश प्राप्त हुए हैं । कि विद्यालय में सैनिटाइजर व मास्क रखना अनिवार्य है । परंतु लापरवाही की हद तब हो गई जब झाझा प्रखंड के कानन पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कानन में प्राचार्य के साथ सैनिटाइजर भी गायब दिखा। आपको बता दें कि ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय में प्राचार्य महोदया प्रमिला कुमारी सप्ताह में 2 दिन आती हैं और जब से विद्यालय खुला है तब से ना ही सैनिटाइजर की कोई व्यवस्था की गई और ना ही विद्यालय में साफ सफाई का कोई इंतजाम किया गया। जिसकी वजह से विद्यालय कचरे का शिकार हो गया है । इतना ही नहीं नवनिर्मित हाई स्कूल का भवन जो विद्यालय के बच्चों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था । उस नए भवन में जाने का एकमात्र रास्ता भी अब तक बंद पड़ा हुआ है और वह भवन मात्र सरकारी कर्मचारियों का काली कमाई का हिस्सा बन गया है । उस नए भवन में अब तक ना ही बच्चों की पढ़ाई शुरू हुई और ना ही विद्यालय प्रशासन ने इसे जरूरी समझा। आपको बता दें कि घटना की जानकारी मिलने के बाद जब मीडिया कर्मी वहां पहुंचे तो प्राचार्य भी अपने कार्यालय से गायब दिखे । इतना ही नहीं इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का नामांकन का शुल्क भी शहर के अन्य हाई स्कूलों के शुल्क से काफी अधिक है । वही जब छात्र छात्रा अपने नामांकन शुल्क का रिसीविंग और पर्ची मांगते हैं तो उन्हें प्राचार्य द्वारा आश्वस्त किया जाता है कि उन्हें जल्द ही रिसिविंग दे दी जाएगी । परंतु ना ही उन्हें कोई रिसिविंग मिलता है और ना ही उन्हें उनका नामांकन शुल्क का कोई पर्चा। जहां विद्यालय प्रशासन की साफ तौर पर मनमाना काली कमाई प्राचार्य की जेब का हिस्सा बनता नजर आ रहा है। विरोध प्रदर्शन कर रहे विद्यालय के छात्र सौरभ कुमार , अभिषेक कुमार , निशा कुमारी , अंशु कुमारी , निवास कुमार , रितिक कुमार , एमडी अरबाज , मोहम्मद परवेज आलम , एमडी कैफ आदि विद्यार्थियों का कहना है कि ब्रजकिशोर नाम के शिक्षक नामांकन शुल्क सभी विद्यार्थियों से लेते हैं । परंतु उसके बदले वह रिसीविंग देने में आनाकानी करने लगते हैं । और कहते हैं कि अब तक रिसिविंग का प्रिंटआउट नहीं आया है । और यह विगत 2 सालों से इस तरह का मामला चलता आ रहा है ,छात्र छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक ब्रजकिशोर की मिलीभगत से प्राचार्य यहां काली कमाई से अपनी जेब भरने का काम करते हैं । वहीं जब ग्रामीणों ने शिक्षक महोदय से सवाल पूछा तो वह ग्रामीणों पर ही भड़क गए । कहां की सारी चीजों का हिसाब खिताब प्राचार्य महोदय ही देंगे। अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकारी गाइडलाइन और कोरोनो प्रोटोकॉल का पालन करवाने वाली सरकार इस विद्यालय पर कितना ध्यान देती है । जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यालय के प्राचार्य और शिक्षक की काली कमाई पर कैसे अंकुश लगाते हैं।


 

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