सूबे में स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही पर इन दिनों सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।मानवता को शर्मसार करने वाला कुछ ऐसा ही मामला झाझा रेफरल अस्पताल में देखने को मिला है जहां देर रात गर्भवती महिला के प्राइवेट पार्ट में एक आशा ने गलत दवा डाल दी जिसकी वजह से मरीज की हालत खराब होने लगी।दरसअल परिजनों का आरोप है कि झाझा रेफरल अस्पताल में कार्यरत आशा गीता देवी पैसों की लालच में मरीज की प्राइवेट पार्ट में गलत दवा डाल दिया जिससे मरीज की स्थिति गंभीर हो गई।आपको बता दें कि ये सब इसलिए किया गया ताकि महिला को सामान्य डिलीवरी ना होकर बड़ा ऑपरेशन करने की नौबत आन पड़े और किसी निजी अस्पताल में उसे भर्ती करवाना पड़े और उसके बाद आशा अपने कमीशन का हिस्सा लेकर वहां से रफू चक्कर हो जाए।झाझा रेफरल अस्पताल में ये कोई नया मामला नहीं है।इधर गर्भवती महिला के ससुर ने बताया कि आशा गीता देवी के द्वारा उसे दवा का पुर्जा ना देकर उसे किसी निजी मेडिकल दुकान में जाने की बात कही गई और जब वह गैस एजेंसी के निकट किसी मेडिकल क्लीनिक में गया तो उसे 76 रुपए की कीमत वाली दवा 400मूल्य पर लेनी पड़ी जबकि दुकानदार से पूछने पर उसने आशा से बात करने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।वहीं आशा से जब इस बात की जानकारी ली गई तो उसका हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया और वो अस्पताल से मौके की तलाश कर भाग निकली।इधर माहौल बिगड़ता देख अस्पताल के चिकित्सक भी पहुंचे और मरीज को सदर अस्पताल जमुई रेफर कर दिया।
अस्पताल प्रभारी डॉ अरुण कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जो भी जिम्मेदार होंगे उन्हें बक्शा नहीं जाएगा।और सख्त कार्रवाई की जाएगी।।